बीते 22 दिन...11 गोलीकांड...4 हत्याएं...। यानी सितंबर में हर दूसरे दिन गोलियां तड़तड़ाईं। लखनऊ में अवैध और लाइसेंसी असलहों से गोलियों की तड़तड़ाहट आम बात हो चली है लेकिन सितंबर में तो सारी हदें पार हो गईं। बेखौफ बदमाश और दुस्साहसी लोग अवैध या लाइसेंसी असलहों से खुलेआम गोलियां बरसा रहे हैं और पुलिस है कि खामोश बैठी हुई है।पिछले कुछ महीनों में हुए अपराधों पर नजर डाली जाए तो साफ हो जाता है कि बदमाश किस कदर बेखौफ हो चले हैं। वे आग उगलते असलहे लेकर न केवल आराम से टहल रहे हैं बल्कि ताबड़तोड़ वारदातें भी कर रहे हैं। बदमाशों के दुस्साहस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एसएसपी आवास से चंद कदम दूर भरी दोपहरी विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि शाहिद और उसके भाई नामवर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इस सनसनीखेज वारदात को दो महीने होने वाले हैं लेकिन पुलिस अभी तक बदमाशों का सुराग नहीं लगा सकी है।पीजीआई इलाके में बदमाशों ने जिस अंदाज में रीयल एस्टेट कारोबारी और एक पूर्व एमएलसी के करीबी सुनील सिंह की कार घेरकर गोलियां बरसाईं थीं, उससे राजधानी में पूर्वांचल के शूटरों की धमक का अंदाजा हो रहा है। हालांकि, फायरिंग करके हत्या या लूट की वारदातों में पुलिस कुछ खास नहीं कर पा रही है। गोलीबारी की कुछ बड़ी वारदातों को छोड़ दें तो कई ऐसी हैं जिनमें पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी है।
पिस्टलें-तमंचे लेकर घूम रहा हर छोटा-बड़ा अपराधी
राजधानी में बेखौफ होकर वारदातें कर रहे बदमाश मुंगेर में बनी नाइन एमएम की पिस्टलों के साथ ही .315 और .312 बोर के असलहे इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस ने बीते दिनों असलहों के साथ बदमाशों को गिरफ्तार नहीं किया लेकिन इसके बाद भी असलहों की उपलब्धता और इस्तेमाल में कमी नहीं आ रही। पुलिस जितने असलहे पकड़ रही है, बदमाश उतना ही ज्यादा उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। लंबे अरसे से लखनऊ पुलिस, क्राइम ब्रांच अथवा एसपी और एएसपी की स्पेशल 30 टीमों ने कोई बड़ा असलहा तस्कर या सप्लायर नहीं दबोचा है। यही वजह है कि राजधानी में असलहों की खरीद-फरोख्त आसानी से हो रही है और हर छोटा-बड़ा अपराधी असलहे लेकर घूम रहा है।
खौफ और दहशत फैलाने के लिए मार डाले थे तीन कुत्ते
असलहों का इस्तेमाल खौफ और दहशत फैलाने के लिए भी किया जा रहा है। बंथरा में हुई घटना इसका सटीक उदाहरण है। वहां सादुल्लानगर निवासी किसान सुरेश के खेत की रखवाली कर रहे तीन कुत्तों को बदमाशों ने गोली से उड़ा दिया था। इस घटना को लेकर आज भी इलाके के लोगों में दहशत है। पुलिस का भी यही मानना है कि बदमाशों ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से कुत्तों को गोलियां मारी थीं। मानकनगर में प्रॉपर्टी डीलर गोलू श्रीवास्तव ने मुहल्ले के मामूली विवाद में लाइसेंसी बंदूक निकालकर फायरिंग कर डाली थी। गुडंबा में बदमाशों ने फायरिंग कर दहशत फैलाने के बाद लूटपाट की साजिश रची थी लेकिन मामला गड़बड़ा गया। लापरवाही से की गई फायरिंग में बदमाशों का ही साथी हर्ष सिंह घायल हो गया जिससे उन्हें भागना पड़ा।
दागदार रहा है सितंबर का महीना: एपल कंपनी के अधिकारी के खून से रंगे थे खाकी के हाथ
सितंबर महीना लखनऊ पुलिस के लिए दागदार रहा है। बीते वर्ष 29 सितंबर की रात ही गोमतीनगर विस्तार में एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में लखनऊ की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत कराई थी। आरोपी सिपाहियों को बर्खास्त कर जेल भेजा गया था।
सितंबर में अपराधियों का सितम
05 सितंबर-अमीनाबाद की जूतेवाली गली के बाहर पूड़ी-सब्जी विक्रेता विपिन सोनकर को गोली से उड़ाया
08 सितंबर-गोमतीनगर के अलकनंदा अपार्टमेंट में अभिषेक ने सास चंदा सिंह को गोली मारकर जान दी
09 सितंबर-बंथरा के सादुल्लागंज में किसान सुरेश के खेत की रखवाली कर रहे तीन कुत्तों को गोली मारी
11 सितंबर-मानकनगर में प्रापर्टी डीलर गोलू श्रीवास्तव ने लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग कर मचाया हड़कंप
12 सितंबर-सआदतगंज में निजी कंपनी के मालिक मो. इरामन को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी
13 सितंबर-माल के भानपुर गांव में किसान विश्राम रावत को आधी रात को गोली मारकर घायल किया
16 सितंबर-मोहनलालगंज में प्रापर्टी डीलर व पूर्व फौजी अशोक यादव को गोलियों से भून डाला
17 सितंबर-गुडंबा में शराब ठेके पर ताबड़तोड़ फायरिंग में सेल्समैन जितेंद्र व बदमाश हर्ष सिंह घायल
20 सितंबर-हसनगंज में सिरफिरे मदन ने नर्स वंदना की हत्या कर खुद को गोली मारकर जान दी
21 सितंबर-कैंट थाना के सामने पूड़ी विक्रेता को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर मौत के घाट उतारा
21 सितंबर-मड़ियांव में स्कूली वैन चालक को मेराज को बदमाशों ने गोली मारकर लहूलुहान किया